मैं गुम हो जाऊ तेरी घनीं जुल्फों में, की फिरसे मैं सुलझ न पाऊं... मैं तुझे चाहता हूं... क्या तू... मैं गुम हो जाऊ तेरी घनीं जुल्फों में, की फिरसे मैं सुलझ न पाऊं... मैं तुझे च...
दिलों जान से तुझको चाहूं खोलूँ सच्ची आँख से। दिलों जान से तुझको चाहूं खोलूँ सच्ची आँख से।
मन मेरा मुस्कुराते हुये फूलों की तरह खिलता है। मन मेरा मुस्कुराते हुये फूलों की तरह खिलता है।
हरयाणवी कविता हरयाणवी कविता
आंखें तेरी बड़ी नशीली भरमाती मुझे दिन रैन है आंखें तेरी बड़ी नशीली भरमाती मुझे दिन रैन है
हमने अपने भूत को भविष्य का कब्रिस्तान सजाते देखा है। हमने अपने भूत को भविष्य का कब्रिस्तान सजाते देखा है।